प्रेगनेंसी के तीसरे महीने तक इन 10 चीजों को नहीं खाएं

प्रेगनेंसी जैसे ही कन्फर्म होती है वैसे ही हर कोई आपको प्रेगनेंसी में क्या करना चाहिए क्या नहीं, क्या खाना चाहिए क्या नहीं, आदि की सलाह देने लग जाता हैं। क्योंकि प्रेगनेंसी के नौ महीने महिला के लिए बहुत अहम होते हैं और इस दौरान महिला के गर्भ में एक नन्ही जान पल रही होती है जो पूरी तरह से अपनी माँ पर ही निर्भर करती है। ऐसे में माँ और बच्चा दोनों स्वस्थ रहें और दोनों को किसी भी तरह की परेशानी न हो इसके लिए इन सभी बातों का ध्यान रखना भी जरुरी होता है।

वैसे तो प्रेगनेंसी के पूरे नौ महीने बहुत अहम होते हैं लेकिन प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने महिला के लिए बहुत ज्यादा अहम होते हैं। क्योंकि इस समय प्रेगनेंसी की शुरुआत होती है, तेजी से बॉडी में होने वाले हार्मोनल बदलाव के कारण महिला को शारीरिक परेशानियां भी अधिक होती है, बच्चे के अंगो की आकृतियां बन रही होती हैं, आदि। ऐसे में महिला यदि किसी भी तरह की लापरवाही करती है तो इसका सबसे ज्यादा बुरा असर गर्भ पर पड़ता है।

ऐसे में जरुरी होता है की प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला अपना बहुत ज्यादा ध्यान रखें। तो आइये इस आर्टिकल में हम आपको कुछ ऐसे आहार के बारे में बताने जा रहे हैं जो प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में महिला को नहीं खाने चाहिए क्योंकि इससे बच्चे को नुकसान पहुँच सकता है।

प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में क्या नहीं खाएं?

गर्भावस्था के पहले तीन महिलाओं में महिला को कुछ ऐसे आहार है जिनका सेवन करने से गर्भ में पल रहे बच्चे के विकास पर बुरा असर पड़ने के साथ गर्भपात का भी खतरा होता है। तो ऐसे में उन खाद्य पदार्थों का सेवन गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए आइये अब जानते हैं की वो खाद्य पदार्थ कौन से हैं।

जंक फ़ूड

जंक फ़ूड को बनाने के लिए बहुत से ऐसी चीजों का इस्तेमाल किया जाता है जो पेट में बच्चे के विकास में रुकावट पैदा कर सकते हैं। साथ ही इसमें किसी भी तरह के पोषक तत्व नहीं होते हैं ऐसे में जंक फ़ूड का सेवन महिला को नहीं करना चाहिए।

कच्चे अंडे व् कच्चा मास

साल्मोनेला, लिस्टेरिया व् अन्य बहुत से बैड बैक्टेरिया कच्चे अंडे व् कच्चे मास में मौजूद होते हैं। जो प्रेग्नेंट महिला को डायरिया व् इन्फेक्शन जैसी परेशानी से ग्रसित कर सकते हैं साथ ही यह बैक्टेरिया बच्चे विकास को रोक सकते हैं। ऐसे में प्रेग्नेंट महिला को कच्चे अंडे व् मास का सेवन भी नहीं करना चाहिए।

मर्करी युक्त मछली

मर्करी युक्त मछली या अन्य किसी चीज जैसे की चाइनीज़ फ़ूड का सेवन भी गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए। क्योंकि मर्करी युक्त भोजन का सेवन करने से बच्चे के विकास पर बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे बच्चे के शारीरिक व् मानसिक विकास में कमी आ सकती है।

डिब्बाबंद खाना

काफी दिनों तक डिब्बाबंद आहार सही रहे इसके लिए उन्हें बनाने के लिए तरह तरह के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। और केमिकल युक्त आहार का सेवन करना प्रेग्नेंट महिला के लिए नुकसानदायक हो सकता है। साथ ही यह केमिकल बच्चे के लिए भी बहुत खतरनाक होता है।

कच्चा या पका पपीता

प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में गर्भवती महिला को कच्चा या पका कोई भी पपीता नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसमें लेटेक्स की मात्रा मौजूद होती है जो महिला के गर्भापत का कारण बनती है।

नशीले पदार्थ

प्रेगनेंसी के तीसरे महीने तक किसी भी तरह के नशीले पदार्थ जैसे की अल्कोहल, तम्बाकू आदि का सेवन भी नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनका सेवन करने से महिला का गर्भपात हो सकता है।

ड्राई फ्रूट्स

ड्राई फ्रूट्स की तासीर गर्म होती है और गर्म चीजों का सेवन करने से गर्भपात होने का खतरा रहता है। ऐसे में ड्राई फ्रूट्स व् अन्य खाद्य पदार्थ जिनकी तासीर गर्म होती है उनका सेवन प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में प्रेग्नेंट महिला को नहीं करना चाहिए।

कच्ची अंकुरित चीज़ें न खाएं

गर्भावस्था की में कच्ची अंकुरित चीज़ें खाने से बचना चाहिए। क्योंकि कच्ची अंकुरित दालों में साल्मोनेला, लिस्टेरिया, ई कोलाई जैसे बैक्टीरिया मौजूद होते हैं, जिससे फ़ूड प्वॉयज़निंग, उल्टी या दस्त की शिकायत हो सकती है और मां के साथ साथ शिशु की सेहत को भी नुकसान पहुंच सकता है।

क्रीम दूध या उससे बना पनीर न खाएं

प्रेग्नेंट महिला को क्रीम वाला दूध व् उससे बने पनीर को नहीं खाना चाहिए। क्योंकि इसमे लिस्टेरिया नाम का बैक्टीरिया मौजूद होता है। और इस बैक्टीरिया के कारण गर्भपात और समय से पहले बच्चे के जन्म का खतरा बढ़ सकता है।

बिना धुले हुए सब्ज़ियां और फल न खाएं

बिना धुली हुई सब्ज़ी, फल आदि में टॉक्सोप्लाज़्मा नाम का बैक्टीरिया मौजूद हो सकता है, जिससे शिशु के रुकावट आती है। ऐसे में गर्भवती महिला को किसी भी फल या सब्ज़ी का सेवन करने से पहले उसे जरूर धोना चाहिए।

तो यह हैं कुछ आहार जिनका सेवन प्रेग्नेंट महिला को पहले तीन महीनों में नहीं करना चाहिए। क्योंकि इनका सेवन करने से बच्चे पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ सकता है। लेकिन गर्भवती महिला को उन खाद्य पदार्थों का सेवन भरपूर करना चाहिए जो माँ व् बच्चे दोनों के लिए फायदेमंद होते हैं।

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