प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में क्या खाना चाहिए क्या नहीं

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गर्भावस्था के पहले तीन महीने बहुत ही अहम होते है, क्योंकि इस दौरान प्रेगनेंसी की शुरुआत होती है, शिशु के अंग विकसित होते हैं, बॉडी में तेजी से हार्मोनल बदलाव होते हैं, बहुत सी शारीरिक समस्या का सामना महिला को करना पड़ सकता है, साथ ही महिला द्वारा की गई थोड़ी सी लापरवाही उसके लिए बड़ी समस्या खड़ी कर सकती है। इसीलिए इस दौरान महिला को अपनी सेहत का भी बेहतर तरीके से ध्यान रखने की सलाह दी जाती है। और स्वास्थ्य को फिट रखने के लिए आपके खान पान का बेहतर होना बहुत जरुरी होता है। तो लीजिये आज हम आपको इसी के बारे में कुछ टिप्स देने जा रहे हैं की गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए।

प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में क्या खाएं

गर्भ में पहले तीन महीने में शिशु के अंग विकसित होते हैं, ऐसे में बॉडी में भरपूर मात्रा में पोषक तत्व जैसे की कैल्शियम, आयरन, फोलेट, मैग्नीशियम, प्रोटीन आयोडीन, जिंक, आदि होने चाहिए। और इसके लिए महिला को क्या क्या खाना चाहिए आइये इस बारे में जानते हैं।

फल व् उनका रस

गर्भवती महिला को दिन में दो से तीन बार फलों का सेवन जरूर करना चाहिए, क्योंकि न केवल इससे बॉडी को पोषक तत्व मिलते हैं बल्कि बॉडी में पानी की मात्रा को भरपूर रखने में मदद मिलती है। दिन में एक बार संतरे या मोसम्बी आदि का रस भी जरूर पीना चाहिए, क्योंकि इसमें फोलिक एसिड, विटामिन सी भरपूर होता है जो गर्भवती महिला और शिशु के लिए फायदेमंद होता है। दिन में एक बार से ज्यादा जूस का सेवन नहीं करना चाहिए। क्योंकि जूस में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है, जिससे वजन बढ़ने जैसी समस्या हो सकती है।

हरी सब्जियां

दिन में एक आहार में आपको हरी सब्ज़ी का जरूर सेवन करना चाहिए, क्योंकि इसमें फोलिक एसिड, फोलेट व् अन्य पोषक तत्व भरपूर होते हैं। जो की महिला में खून की कमी की समस्या नहीं होने देते हैं, खासकर पालक का सेवन आपको जरूर करना चाहिए। साथ ही हरी सब्ज़ी का सेवन करते हुए आपको एक बात का ध्यान रखना चाहिए की वह ताज़ी होने के साथ अच्छे से धुली हुई हो।

दूध

कैल्शियम व् प्रोटीन से भरपूर दूध का सेवन भी गर्भवती महिला को पहले तीन महीने में भरपूर करना चाहिए। ताकि गर्भ में शिशु की हड्डियों को मजबूती से विकसित होने में मदद मिल सके, साथ ही इससे महिला को भी एनर्जी मिलेगी। दिन में कम से कम दो से तीन गिलास दूध का सेवन जरूर करें, और ध्यान रखें की दूध मलाई वाला न हो, और कच्चा न हो, क्योंकि इससे पेट सम्बन्धी समस्या हो सकती है।

ओमेगा से भरपूर आहार लें

ओमेगा 3 फैटी एसिड शिशु के शारीरिक विकास को बेहतर करने के साथ शिशु के तंत्रिका तंत्र और मानसिक विकास को बेहतर करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप हरी सब्जियों, अंडा, फिश लिवर आयल आदि का सेवन भरपूर मात्रा में करें। क्योंकि शिशु के अंगो के बेहतर विकास के लिए खाने की क्वालिटी पर ध्यान देना बहुत जरुरी होता है।

अन्य आहार

सुबह नाश्ते से लेकर रात के खाने तक गर्भवती महिला को अपने आहार में एनर्जी से भरपूर आहार को शामिल करना चाहिए। इस दौरान साबुत अनाज, अनार, ड्राई फ्रूट्स, दालें (हर तरह की दाल), दही, पोहा, आलू आदि को शामिल करना चाहिए। साथ ही ध्यान रखें की जिन चीजों से आपको एलर्जी होती है उनके सेवन से परहेज रखें।

पेय पदार्थ

शिशु गर्भ में फ्लूड में रहता है ऐसे में शरीर में पानी की कमी न केवल गर्भ में शिशु के विकास में कमी ला सकता है, बल्कि इससे प्रेगनेंसी के दौरान महिला को भी अधिक परेशानी हो सकती है। ऐसे में गर्भवती महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की वो दिन में आठ से दस गिलास पानी का जरूर सेवन करे, और पानी के साथ जूस, नारियल पानी, छाछ, निम्बू पानी का भी सेवन करें। क्योंकि यह महिला और शिशु के लिए फायदेमंद होने के साथ बॉडी में पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा करता है।

प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में क्या नहीं खाना चाहिए

गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान खाने में कुछ चीजों का परहेज भी करना पड़ता है। क्योंकि कुछ चीजों का सेवन करने से गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान पहुँच सकता है। तो आइये अब जानते हैं की वो चीजे कौन सी है।

कच्चा पपीता

लेटेक्स की मात्रा अधिक होने के कारण इसके सेवन से गर्भवती महिला के गर्भाशय में संकुचन हो सकता है, जिसमे कारण गर्भपात होने के चांस बढ़ सकते हैं।

सी फ़ूड

प्रेगनेंसी के पहले तीन महीने में गर्भवती महिला को सी फूड का सेवन करने से भी बचना चाहिए क्योंकि इनमे मर्क्युरी की मात्रा अधिक होती है जो गर्भपात का कारण बन सकती है।

बैंगन

बैंगन खाने से भी गर्भवती महिला को परहेज करना चाहिए क्योंकि इसके कारण बॉडी हार्मोनल असंतुलन होने के साथ ब्लड फ्लो से जुडी समस्या भी सकती है। जिसके कारण गर्भवती महिला और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों को ही परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

तिल

प्रेगनेंसी की पहली तिमाही में तिल के सेवन से भी परहेज करना चाहिए, क्योंकि तिल का सेवन करने से भी गर्भपात होने के खतरा बना रहता है।

मेथी

मेथी पोषक तत्वों की खान होती है लेकिन प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनो में इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इसके सेवन से गर्भाशय में संकुचन होने के चांस बढ़ जाते हैं। जिसके कारण गर्भपात की सम्भावना हो सकती है।

कच्ची सब्जियां व् फल

प्रेगनेंसी के दौरान जीभ में स्वाद में परिवर्तन आना आम बात होती है, लेकिन ऐसे में आपको कच्चे फल व् सब्जियों का सेवन करने से बचना चाहिए। क्योंकि इसके कारण हानिकारक बैक्टेरिया बॉडी में जा सकता है जिसके कारण इन्फेक्शन होने के चांस बढ़ जाते है।

दवाइयां

बिना डॉक्टर के परामर्श के प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी तरह की दवाई का सेवन भी नहीं करना चाहिए, साथ ही यदि कोई दिक्कत ज्यादा हो तो पहले डॉक्टर को दिखाना चाहिए।

प्रेगनेंसी में खाने को लेकर ध्यान देने योग्य अन्य बातें

  • गर्भवती महिला को खाने में किसी भी तरह की लापरवाही नहीं करना चाहिए।
  • सारा दिन खाते हुए भी गर्भवती महिला को नहीं रहना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भवती महिला का वजन बढ़ने की समस्या हो सकती है।
  • हर दो से तीन घंटे के गैप पर महिला को कुछ न कुछ खाना चाहिए।
  • बासी, तला हुआ, मसालेदार, बाहर का खाना, जंक फ़ूड से भी महिला को परहेज करना चाहिए।
  • अधिक मात्रा में कैफीन न अन्य किसी तरह के नशे का सेवन भी गर्भवती महिला को नहीं करना चाहिए।

तो यह हैं खान पान से जुड़े कुछ खास टिप्स जिनका ध्यान गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के पहले तीन महीनों में रखना चाहिए। खाने के साथ महिला को अपने उठने बैठने आदि का भी ध्यान रखना चाहिए, तनाव नहीं लेना चाहिए, समय से डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए, ताकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े।

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