प्रेगनेंसी में गलत तरीके से सोने के नुकसान

प्रेगनेंसी एक ऐसा समय होता है जहां महिला के शरीर में हो रहे बदलाव व् शारीरिक परेशानियों के होते हुए भी प्रेग्नेंट महिला को अपनी सेहत का अच्छे से ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि महिला यदि अपनी सेहत के प्रति थोड़ी भी लापरवाही करती है तो इससे शिशु और महिला दोनों के स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है। और स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए महिला को खान पान, व्यायाम, आदि के साथ सोने के तरीके का भी ध्यान रखना पड़ता है। क्योंकि जैसे गलत खान पान महिला व् शिशु की सेहत पर गलत असर डाल सकता है। उसी तरह गलत तरीके से सोना भी प्रेग्नेंट महिला व् शिशु की सेहत को प्रभावित कर सकता है।

प्रेग्नेंट महिला को सोने में दिक्कत क्यों होती है?

  • वजन बढ़ने के कारण महिला को सोने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।
  • शारीरिक परेशानियों का प्रेगनेंसी के दौरान होना आम बात होती है जिसके कारण महिला को नींद लेने में दिक्कत हो सकती है।

प्रेग्नेंट महिला को कितनी नींद लेनी जरुरी होती है?

  • आमतौर पर एक स्वस्थ व्यक्ति को दिन में कम से कम आठ घंटे जरूर सोना चाहिए।
  • लेकिन यदि प्रेग्नेंट महिला की बात की जाएँ तो महिला को इससे थोड़ा ज्यादा सोना चाहिए।
  • क्योंकि शारीरिक परेशानियों के कारण महिला ज्यादा थकान व् कमजोरी का अनुभव करती है।
  • ऐसे में नींद लेने से महिला को रिलैक्स व् रिफ्रैश महसूस होने में मदद मिलती है।

प्रेगनेंसी में गलत तरीके से सोने के नुकसान

गर्भावस्था के दौरान महिला को सोते समय कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि महिला यदि गलत तरीके से सोती है। तो इसके कारण भ्रूण पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। साथ महिला को भी स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्या हो सकती है। तो आइये अब जानते हैं की प्रेगनेंसी में गलत तरीके से सोने से क्या नुकसान होते हैं।

ब्लड सर्कुलेशन

  • प्रेगनेंसी महिला को स्वस्थ रहने और शिशु के बेहतर विकास के लिए बॉडी में ब्लड सर्कुलेशन का बेहतर तरीके से होना जरुरी होता है।
  • लेकिन यदि महिला गलत तरीके से सोती है जैसे की यदि पीठ के बल सो जाती है।
  • तो इससे गर्भाशय का दबाव दूसरे अंगो पर पड़ सकता है।
  • जिसके कारण बॉडी में अच्छे तरीके से ब्लड सर्कुलेट नहीं हो पाता है।
  • जिससे प्रेग्नेंट महिला व् शिशु दोनों को सेहत सम्बन्धी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

प्रेगनेंसी में गलत तरीके से सोने से होती है मांसपेशियों में दर्द

  • पीठ के बल सोने से गर्भवती महिला की मांसपेशियों में दर्द व् सूजन की समस्या होने का खतरा भी रहता है।
  • जिससे गर्भवती महिला को बॉडी पार्ट्स में दर्द की समस्या हो सकती है।

पीठ में दर्द

  • प्रेग्नेंट महिला यदि पीठ के बल सोती है तो इससे रीढ़ की हड्डी पर दबाव पड़ता है।
  • जिसके कारण प्रेग्नेंट महिला को पीठ में दर्द की समस्या से प्रेगनेंसी के दौरान अधिक परेशान होना पड़ सकता है।

सूजन

  • प्रेग्नेंट महिला यदि सीधा होकर सोती है तो इसके कारण सिर से पैरों तक ब्लड फ्लो अच्छे से नहीं हो पाता है।
  • जिसके कारण गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान पैरों में सूजन की समस्या से परेशान होना पड़ सकता है।

प्रेगनेंसी में गलत तरीके से सोने से होती है शिशु को दिक्कत

  • यदि प्रेगनेंसी के किसी भी महीने में प्रेग्नेंट महिला पेट के बल सो जाती है।
  • तो इसके कारण गर्भ में शिशु असहज महसूस कर सकता है।
  • खासकर गर्भ में शिशु का विकास बढ़ने के साथ महिला द्वारा ऐसा करना शिशु के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।

दाईं तरफ होकर सोना

  • यदि प्रेग्नेंट महिला बहुत देर तक दाईं और करवट लेकर सोती है।
  • तो इससे महिला के जिगर व् फेफड़ों पर दबाव पड़ सकता है।
  • जिसके कारण गर्भ में शिशु तक ऑक्सीजन के प्रवाह में भी कमी आ सकती है।
  • ऐसे में आप दाईं और करवट लेकर सो सकती है लेकिन लम्बे समय तक इसी पोजीशन में सोने से बचना चाहिए।
  • और सोते समय थोड़ी थोड़ी देर बाद अपनी पोजीशन बदलते रहना चाहिए।

प्रेगनेंसी में सोने के लिए सही पोजीशन कौन सी है?

  • गर्भावस्था के दौरान महिला को नींद भरपूर लेना बहुत जरुरी होता है।
  • लेकिन कौन सी पोजीशन में सोना प्रेग्नेंट महिला के लिए ज्यादा सही होता है इस बारे में जानना भी जरुरी होता है।
  • ताकि गलत तरीके से सोने के दुष्प्रभाव से महिला व् शिशु दोनों को बचाने में मदद मिल सके।
  • ऐसे में प्रेगनेंसी के दौरान महिला को बाईं और करवट लेकर सोना चाहिए।
  • क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान सोने के लिए यह सबसे सही पोजीशन है।
  • और इससे गर्भवती महिला व् शिशु को किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता है।

तो यह है प्रेगनेंसी के दौरान गलत तरीके से सोने से होने वाले नुकसान व् सोने से जुडी अन्य जानकारी। यदि आप भी गर्भवती है तो सोते समय आपको भी इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि आपको और आपके शिशु को इन सभी परेशानियों से बचाव करने व् प्रेगनेंसी में स्वस्थ रहने में मदद मिल सके।

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