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प्रेगनेंसी

प्रेगनेंसी में हमेशा पेट दर्द रहने के क्या कारण हो सकते हैं?

Kanika
Last updated: 2020/09/05 at 9:50 PM
Kanika
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7 Min Read
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गर्भावस्था में पेट दर्द

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को बहुत सी शारीरिक परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, जिसमे से पेट में दर्द का अनुभव होना एक आम समस्या है। हलके फुल्के पेट में दर्द का रहने की समस्या बहुत सी गर्भवती महिलाओं को हो सकती है लेकिन यदि दर्द का अनुभव अधिक हो तो इसे अनदेखा न करते हुए जितना जल्दी हो सके डॉक्टर से राय लेनी चाहिए। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान किसी भी शारीरिक परेशानी के होने पर या दर्द का अनुभव अधिक हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए, क्योंकि हो सकता है यह किसी समस्या का संकेत हो, जिससे गर्भवती महिला या गर्भ में पल रहे शिशु को नुकसान हो।

Contents
गर्भावस्था में पेट दर्दप्रेगनेंसी में पेट में दर्द रहने के कारण मिसकैरिज एक्टोपिक प्रेगनेंसी संक्रमण गर्भाशय का आकार पाचन क्रिया से सम्बंधित समस्या सम्बन्ध प्लेसेंटा से जुडी समस्या गलत खान पान प्रसव से पहले गर्भवती महिला को पेट दर्द होने पर डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

प्रेगनेंसी में पेट में दर्द रहने के कारण

गर्भवती महिला के पेट में दर्द रहने का कोई एक कारण नहीं होता है बल्कि गर्भवती महिला को पेट में दर्द रहने के बहुत से कारण हो सकते हैं। तो लीजिये अब विस्तार से जानते हैं की गर्भवती महिला को पेट में दर्द रहने के कौन कौन से कारण होते हैं।

मिसकैरिज

प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को यदि पहली तिमाही में पेट में दर्द का अनुभव हो और इस दर्द का अहसास मासिक धर्म के दौरान होने वाले दर्द के जैसा हो, और साथ ही स्पॉटिंग की समस्या हो। तो गर्भवती महिला को इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए क्योंकि प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में इस दर्द का अनुभव होना मिसकैरिज की समस्या की और इशारा कर सकता है।

एक्टोपिक प्रेगनेंसी

यदि गर्भधारण के बाद से ही गर्भवती महिला को पेट में दर्द की समस्या रहती है, और दर्द का अनुभव अधिक होता है। तो यह एक्टोपिक प्रेगनेंसी का लक्षण हो सकता है इस तरह की प्रेगनेंसी में शिशु गर्भाशय में बढ़ने की बजाय फैलोपियन ट्यूब में ही विकसित होने लग जाता है। ऐसे में इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

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संक्रमण

गर्भवती महिला को गर्भाशय में किसी तरह के संक्रमण होने के कारण या यूरिन इन्फेक्शन होने के कारण भी प्रेगनेंसी के दौरान पेट में दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसे में यूरिन पास करने में दर्द, जलन, आदि का अनुभव हो तो एक बार डॉक्टर से जांच जरूर करवानी चाहिए। क्योंकि संक्रमण का होना भी प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला और शिशु दोनों के लिए परेशानी का कारण बन सकता है।

गर्भाशय का आकार

जैसे जैसे शिशु का गर्भ में विकास होता है वैसे वैसे गर्भाशय का आकार भी बढ़ता है जिसके कारण पेल्विक और पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है। और पेट की मांसपेशियों में आने वाले इस खिंचाव के कारण भी गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी के दौरान पेट में हलके फुल्के दर्द का अनुभव हो सकता है।

पाचन क्रिया से सम्बंधित समस्या

बॉडी में हार्मोनल बदलाव के कारण प्रोजेस्ट्रोन हॉर्मोन का स्तर बढ़ने लगता है जिसके कारण गर्भवती महिला को पेट में कब्ज़, ऐंठन, एसिडिटी जैसी समस्या हो सकती है। और इनके होने के कारण पाचन क्रिया धीमी पड़ने लगती है और खाने को पचाने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है, जिसके कारण महिला को पेट में दर्द की समस्या खड़ी हो सकती है। इस समस्या से बचने के लिए गर्भवती महिला को अपने आहार में फाइबर युक्त चीजों को भरपूर मात्रा में शामिल करना चाहिए।

सम्बन्ध

यदि प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला सम्बन्ध बनाती है तो इसके कारण गर्भाशय में संकुचन या ब्लड फ्लो के तेजी से होने के कारण भी महिला को पेट में हल्के फुल्के दर्द का अहसास हो सकता है। और यदि महिला को पेट में दर्द रहता हो, या सम्बन्ध बनाने पर दर्द का अनुभव अधिक हो तो गर्भवती महिला को सम्बन्ध बनाने से बचना चाहिए।

प्लेसेंटा से जुडी समस्या

कई महिलाओं को प्रेगनेंसी की दूसरी या तीसरी तिमाही में प्लेसेंटा और गर्भाशय से जुडी समस्या होने के कारण भी पेट में दर्द की समस्या का अहसास हो सकता है। यदि गर्भवती महिला को प्रेगनेंसी की दूसरी या तीसरी तिमाही में पेट में दर्द, ब्लीडिंग की समस्या हो तो यह इसी परेशानी के कारण हो सकता है ऐसे में इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए और तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

गलत खान पान

यदि प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला अपने खान पान का अच्छे से ध्यान नहीं रखती है, जंक फ़ूड, ज्यादा तेलीय व् मसालेदार आहार, जिस खाने को पचाने में दिक्कत हो ऐसे आहार का सेवन करती है तो इसके कारण भी गर्भवती महिला को पेट में दर्द की समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

प्रसव से पहले

शिशु के जन्म का समय जैसे जैसे पास आने लगता है वैसे वैसे गर्भाशय में संकुचन अधिक होने लगता है। जिसके कारण पेट में दर्द का अनुभव हो सकता है। ऐसे में यदि दर्द अधिक हो और पेट के निचले हिस्से में भार अधिक महसूस हो तो यह लेबर पेन का संकेत हो सकता है, ऐसे में गर्भवती महिला को इसे बिल्कुल भी अनदेखा न करते हुए तुरंत डॉक्टर के पास पहुँच जाना चाहिए।

गर्भवती महिला को पेट दर्द होने पर डॉक्टर से कब मिलना चाहिए

  • यदि गर्भवती महिला को माहवारी की तरह पेट, पेट के निचले हिस्से, कमर, पीठ आदि में तेज दर्द का अनुभव हो।
  • पेट में दर्द के साथ ब्लीडिंग की समस्या होने पर।
  • यदि महिला पेट में दर्द के साथ, बुखार, या अन्य किसी शारीरिक समस्या के कारण परेशान हो।
  • यूरिन करते समय दर्द, जलन, आदि परेशानी का अनुभव होने के सतह यदि पेट में अधिक दर्द महसूस हो तो भीएक बारे गर्भवती महिला को डॉक्टर से जरूर मिलना चाहिए।

तो यह हैं कुछ कारण जिनकी वजह से प्रेगनेंसी के दौरान गर्भवती महिला को पेट में दर्द का अनुभव हो सकता है, यदि दर्द का अनुभव हल्का फुल्का हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए। लेकिन यदि दर्द अधिक हो और बार बार हो तो इसे अनदेखा नहीं करना चाहिए।

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Kanika September 5, 2020 September 5, 2020
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