प्रेग्नेंट होने के 10 लक्षण

पीरियड्स खत्म होने के बाद जब भी महिला और पुरुष आपस में सम्बन्ध बनाते हैं तो उस समय में यदि महिला के अंडाशय में होने वाले अंडे और पुरुष के शुक्राणु का मिलन हो जाता है तो ऐसा होने पर महिला के गर्भ ठहरने के चांस बढ़ जाते है। खासकर ओवुलेशन पीरियड्स के दौरान ऐसा होने के चांस अधिक होता है। ओवुलेशन पीरियड पीरियड्स शुरू होने से लेकर आठवें दिन से सोहलवें दिन तक का समय होता है इन दिनों में गर्भ ठहरने के चांस सबसे अधिक होते हैं। ऐसे में यदि महिला का गर्भ ठहर जाता है तो उसी समय से महिला के शरीर में हार्मोनल बदलाव होने शुरू हो जाते हैं। और उसके अलग अलग लक्षण शरीर में महसूस भी होते हैं। आज इस आर्टिकल में हम उन्ही लक्षणों के बारे में बात करने जा रहे हैं।

प्रेगनेंसी के लक्षण कब से शुरू होते हैं?

पहले महीने में आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं उसे आप चेक नहीं कर सकते लेकिन यदि अंडे और शुक्राणु का मिलन हो गया है। तो इसके कारण शरीर में आपको बहुत से लक्षण महसूस हो सकते हैं। और यह लक्षण आपको प्रेगनेंसी के पहले महीने में ही थोड़े बहुत महसूस हो सकते हैं।

क्या सभी प्रेग्नेंट महिलाओं को एक जैसा महसूस होता है?

जी नहीं, ऐसा बिल्कुल जरुरी नहीं होता है की हर गर्भवती महिला को शरीर में एक जैसे ही लक्षण महसूस हो। क्योंकि हर महिला का शरीर अलग अलग होता है ऐसे में उन्हें प्रेगनेंसी के दौरान महसूस होने वाले लक्षण भी अलग अलग हो सकते हैं और कुछ लक्षण ऐसे भी होते हैं जो अधिकतर गर्भवती महिलाओं को महसूस होते हैं।

प्रेग्नेंट होने के लक्षण

यदि किसी महिला का गर्भ ठहर गया है तो उसे शरीर में होने वाले अंदरूनी बदलाव के कारण शरीर में कुछ लक्षण महसूस हो सकते हैं। जैसे की:

पीरियड्स मिस होना

गर्भावस्था का सबसे अहम लक्षण होता है की यदि महिला प्रेग्नेंट होती है तो उसके पीरियड्स मिस हो जाते हैं। और पीरियड्स मिस होने के बाद ही महिला घर में या डॉक्टर के पास जाकर प्रेगनेंसी टेस्ट करवाती है।

स्पॉटिंग होना

यदि महिला को पीरियड्स नहीं आ रहे हैं लेकिन महिला को अपनी पैंटी में खून के थोड़े बहुत धब्बे नज़र आ रहे हैं तो यह लक्षण भी महिला के गर्भवती होने का होता है। क्योंकि निषेचन की प्रक्रिया के दौरान महिला को स्पॉटिंग हो सकती है।

थकान व् कमजोरी

प्रेग्नेंट होने पर शरीर के अंदर दुगुनी तेजी से काम होने लगता है शरीर में अंदरूनी बदलाव होते हैं। और इन बदलाव के होने पर महिला को थकान व् कमजोरी महसूस हो सकती है।

जी मिचलाना व् उल्टी होना

प्रेगनेंसी के दौरान अधिकतर महिलाओं को जी मिचलाना व् उल्टी होने का लक्षण महसूस हो सकता है। कुछ महिलाओं को उल्टी की समस्या थोड़ी बहुत तो कुछ महिलाओं को कुछ भी खाने पीने या गंध से भी उल्टी आने की दिक्कत हो सकती है।

सूजे हुए ब्रेस्ट

गर्भावस्था के लक्षणों के बारे में बात की जाये तो महिला को अपने ब्रेस्ट सूजे हुए, ब्रेस्ट को हाथ लगाने पर दर्द, निप्पल का रंग गहरा आदि भी महसूस हो सकते हैं।

बार बार यूरिन आने की समस्या

शरीर में होने वाले हार्मोनल बदलाव, रक्त की मात्रा बढ़ने आदि के कारण किडनी का काम बढ़ जाता है ऐसे में यूरिन पास करने की इच्छा में बढ़ोतरी हो सकती है। तो यदि महिला को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा अधिक हो तो यह भी प्रेगनेंसी का ही लक्षण होता है।

मूड स्विंग्स होना

शरीर में होने वाले अंदरूनी बदलाव का असर महिला के व्यवहार पर भी देखने को मिल सकता है ऐसे में यदि महिला को अचानक से मूड स्विंग्स हो तो महिला को समझ जाना चाहिए की महिला का गर्भ ठहर गया है।

शरीर का तापमान

यदि महिला को ऐसा महसूस हो रहा है की महिला के शरीर का तापमान बढ़ गया है साथ ही पीरियड्स भी डिले हो गए हैं तो ऐसा होना भी महिला के गर्भवती होने का लक्षण होता है।

टेस्ट और स्मैल में बदलाव

यदि महिला को अपनी पसंद की चीज का स्वाद अब अच्छा नहीं लग रहा है या स्मेल अच्छी नहीं लग रही है और महिला को कुछ अलग अलग खाने की इच्छा हो रही है तो ऐसा होना भी महिला के प्रेग्नेंट होने का लक्षण होता है। क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिला की पसंद नापसंद में बदलाव आ सकता है।

पेट में दर्द

हार्मोनल बदलाव के कारण महिला की पाचन क्रिया पर भी असर पड़ सकता है जिसकी वजह से महिला को पेट में दर्द की समस्या हो सकती है। इसके अलावा गर्भाशय में आने वाले बदलाव के कारण भी महिला को पेट में दर्द की समस्या हो सकती है।

तो यह हैं प्रेगनेंसी होने पर महिला को शरीर में कौन कौन से लक्षण महसूस हो सकते हैं उससे जुडी जानकारी, साथ ही यदि आप बच्चे को जन्म देना चाहती हैं तो शुरुआत से ही अपना अच्छे से ध्यान रखें ताकि प्रेगनेंसी में किसी भी तरह की कॉम्प्लीकेशन्स नहीं हो।

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