गर्भधारण होते ही शरीर में यह बदलाव आने लगते हैं?

प्रेगनेंसी के दौरान पूरे नौ महीने तक महिला शरीर में बहुत से शारीरिक बदलाव का अनुभव करती है। जैसे की महिला को शारीरिक परेशानियां होती है, महिला के वजन में बदलाव आता है, स्किन से जुडी समस्या महिला को हो सकती हैं, आदि। लेकिन ऐसा जरुरी नहीं होता है की हर महिला को ही प्रेगनेंसी के दौरान परेशानी हो या सभी महिलाओं को एक ही तरह की परेशानी हो।

क्योंकि हर महिला का शरीर अलग होता है ऐसे में यह हर महिला के स्वास्थ्य पर निर्भर करता है की प्रेगनेंसी के दौरान क्या होगा और क्या नहीं। लेकिन प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में महिला को शरीर में अलग अलग बदलाव या लक्षण महसूस हो सकते हैं और यह लक्षण अधिकतर सभी महिलाओं को महसूस हो सकते हैं। तो आइये अब इस आर्टिकल में हम आपको गर्भधारण होते ही शरीर में कौन से बदलाव आने लगते हैं उसके बारे में बताने जा रहे हैं।

पीरियड्स नहीं आना

यदि महिला का गर्भ ठहर गया हैं तो उसके बाद महिला को पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं और पीरियड्स के मिस होने के एक हफ्ते बाद महिला घर में ही प्रेगनेंसी टेस्ट किट की मदद से यह जान सकती है की महिला गर्भवती है या नहीं।

स्पॉटिंग होना

प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में महिला को ब्लीडिंग नहीं होती है लेकिन कई बार खून के धब्बे महसूस हो सकते हैं। क्योंकि अंडाशय से अंडा जब गर्भाशय में प्रत्यारोपित होता है तो ऐसा हो सकता है। इन्हे लेकर महिला को घबराना नहीं चाहिए लेकिन खून के धब्बे ज्यादा महसूस होने पर इसे अनदेखा भी नहीं करना चाहिए।

पेट दर्द

प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में महिला को थोड़ा थोड़ा पेट दर्द भी रह सकता है। क्योंकि इस दौरान गर्भाशय का आकार थोड़ा बढ़ने लगता है जिसकी वजह से मांसपेशियों में खिंचाव आ सकता है और पेट में हल्का फुल्का दर्द महसूस हो सकता है।

शरीर का तापमान

गर्भावस्था के शुरूआती समय में महिला के शरीर का तापमान भी थोड़ा बढ़ा हुस महसूस हो सकता है लेकिन फिर धीरे धीरे यह नोर्मल होने लगता है।

मॉर्निंग सिकनेस

प्रेगनेंसी के दौरान सुबह उठने पर महिला को जी मिचलाना, उल्टियां, थकावट जैसी समस्या हो सकती है। ऐसा हर गर्भवती महिला के साथ हो ऐसा जरुरी नहीं होता है।

थकान व् कमजोरी

गर्भावस्था की पहली तिमाही में शरीर में हार्मोनल बदलाव बहुत तेजी से हो रहे होते हैं। और शरीर में हार्मोनल बदलाव तेजी से होने के कारण महिला को थकान व् कमजोरी अधिक महसूस हो सकती है।

बार बार यूरिन आना

प्रेगनेंसी की शुरुआत में महिला को बार बार यूरिन पास करने की इच्छा भी होती है क्योंकि इस दौरान शरीर में किडनी का काम बढ़ जाता है जिसकी वजह से बार बार यूरिन पास करने की इच्छा होती है। साथ ही यदि महिला को यूरिन पास करते समय जलन, दर्द, बदबू जैसे लक्षण महसूस हो तो एक बार डॉक्टर से बात करनी चाहिए क्योंकि यह यूरिन इन्फेक्शन के लक्षण होते हैं।

तनाव महसूस होना

शारीरिक बदलाव के साथ प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में होने वाले हार्मोनल बदलाव व् शारीरिक परेशानियों के कारण महिला मानसिक रूप से भी परेशानी का अनुभव कर सकती है।

भूख बढ़ना या कम होना

प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में कुछ महिलाओं को भूख न लगने और कुछ महिलाओं को भूख ज्यादा लगने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की न तो महिला जरुरत से ज्यादा खाएं और न ही कम खाएं।

गंध से एलर्जी

कुछ महिलाओं को गंध से एलर्जी की समस्या भी हो सकती है और केवल गन्दी गंध से ही नहीं बल्कि खाने पीने की चीजों से आने वाली गंध से भी महिला को दिक्कत हो सकती है।

ब्रेस्ट में सूजन

गर्भावस्था के शुरुआती समय में महिला को ब्रेस्ट में सूजन या फिर दर्द जैसी समस्या भी हो सकती है। क्योंकि बच्चे के जन्म से पहले ही ब्रेस्ट में दूध बनने की प्रक्रिया शुरू हो जाती है और ब्रेस्ट के उत्तकों में फैलाव होने लगता है। जिसके कारण ब्रेस्ट में दर्द, कड़ापन, सूजन आदि महसूस हो सकता है।

उल्टियां अधिक आना

प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में कुछ महिलाओं को उल्टियां अधिक आने जैसी समस्या का सामना करना पड़ सकता है।

तो यह हैं प्रेगनेंसी होते ही महिला के शरीर में कौन कौन से बदलाव आने लगते हैं उससे जुड़े कुछ टिप्स, साथ ही प्रेग्नेंट महिला को इस बात का ध्यान रखना चाहिए की प्रेगनेंसी के शुरूआती तीन महीने बहुत नाजुक होते हैं। ऐसे में माँ और बच्चे दोनों को कोई भी दिक्कत नहीं हो इसके लिए महिला को अपना अच्छे से ध्यान रखना चाहिए।

Body changes in pregnancy

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