नेचुरल बर्थ होने के 10 तरीके

डिलीवरी का समय आने पर महिला अपने शरीर में बहुत से बदलाव का अनुभव कर रही होती है। क्योंकि पूरे शरीर में दर्द होने के कारण महिला शारीरिक परेशानी का अनुभव हो रहा होता है वही बच्चे का जन्म होने वाला है इसी बात को सोचकर महिला भावनात्मक रूप से बदलाव का अनुभव करती है। वहीँ मानसिक रूप से महिला के मन में यही चल रहा होता है की उसका होने वाला बच्चा स्वस्थ हो।

साथ ही डिलीवरी को लेकर अधिकतर महिलाओं की यही सोच होती है की वो सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म दें। क्योंकि नेचुरल बर्थ में माँ व् बच्चे दोनों को दिक्कत होने का खतरा कम होता है। तो आइये आज इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे 10 तरीको के बारे में बताने जा रहे हैं। जिनका ध्यान यदि प्रेग्नेंट महिला रखती है तो ऐसा करने से महिला को सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म देने के चांस बढ़ जाते हैं।

पैरेंटल क्लास लें

आज कल हॉस्पिटल में, इंटरनेट पर पैरेंटल क्लास दी जाती है। डिलीवरी से पहले महिला को क्या करना चाहिए क्या नहीं, क्या करने से महिला के नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ते हैं, प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के समय महिला सकारात्मक कैसे रहे, फिट कैसे रहें इन सभी की जानकारी इन क्लास में दी जाती है। जिससे महिला को अपने आप को स्वस्थ व् तनावमुक्त रखने में मदद मिलती है। और जितना महिला प्रेगनेंसी के दौरान फिट व् पॉजिटिव रहती है उतना ही महिला के नोर्मल डिलीवरी के चांस बढ़ाने में मदद मिलती है।

मसाज

मसाज करने से बॉडी में ब्लड फ्लो अच्छे से होता है, महिला को तनाव से राहत मिलती है, शारीरिक परेशानियां कम होती है, महिला को नींद अच्छी आती है, साथ ही बॉडी में गुड़ हॉर्मोन रिलीज़ होते हैं। और यह सभी मिलकर नेचुरल बर्थ के चांस बढ़ाने में मदद करते हैं। खासकर डिलीवरी का समय पास आने पर पेट के निचले हिस्से की मसाज भी जरूर करनी चाहिए।

प्रेगनेंसी के दौरान किसी न किसी को अपने पास रखें

गर्भावस्था के दौरान आप अपने साथ रखने के लिए एक ऐसे व्यक्ति का चुनाव करें जो आपके लिए हो। मतलब जो आपकी सभी बातें सुनें, कब आपको उनकी जरुरत है उन्हें आप बेझिझक कह सकें, आपको कैसा अनुभव हो रहा है आपकी सभी बातें सुनने के लिए तैयार रहें ऐसे व्यक्ति के साथ रहने से आप पूरी प्रेगनेंसी में खुश रहती है। और जितना आप प्रेगनेंसी के दौरान अच्छे से एन्जॉय करती है खुश रहती है उतना ही बच्चे का नेचुरल बर्थ होने के चांस बढ़ते हैं।

खून की कमी

बहुत सी गर्भवती महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान खून की कमी की परेशानी का सामना करना पड़ता है। जिसके कारण प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स भी बढ़ जाती है। लेकिन यदि आप प्रेगनेंसी के दौरान शरीर में खून की कमी नहीं होने देती है तो ऐसा करने से भी प्राकृतिक तरीके से बच्चे का जन्म होने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

व्यायाम करें, मैडिटेशन करें, योगासन करें

गर्भावस्था के दौरान यदि आपको डॉक्टर ने बिल्कुल बेड रेस्ट की सलाह नहीं दी है। तो आपको प्रेगनेंसी के दौरान थोड़ा बहुत व्यायाम करते रहना चाहिए। मैडिटेशन करनी चाहिए, बाहर नहीं जा सकते तो घर में ही थोड़ी देर योगासन करना चाहिए। ऐसा करने से प्रेगनेंसी के दौरान आपको फिट रहने, मानसिक रूप से रिलैक्स रहने, बॉडी में ब्लड फ्लो अच्छे से होने, मदद मिलती है। जो नेचुरल बर्थ को बढ़ावा देती है।

हाइड्रेटेड रहें

प्रेगनेंसी के दौरान हाइड्रेटेड रहना न केवल गर्भवती महिला की शारीरिक परेशानियों को कम करने में मदद करता है। बल्कि इससे गर्भवती महिला ऊर्जा से भरपूर रहती है, और प्रेग्नेंट महिला जितना ज्यादा एक्टिव रहती है उतना ही ज्यादा महिला का शरीर नेचुरल बर्थ के लिए तैयार होता है।

वजन

नेचुरल बर्थ के लिए प्रेग्नेंट महिला के वजन का सही होना भी बहुत जरुरी होता है। महिला का वजन जरुरत से ज्यादा हो या जरुरत से कम हो तो प्रेगनेंसी में कॉम्प्लीकेशन्स बढ़ सकती है। ऐसे में यदि आप चाहती हैं की आप सामान्य प्रसव से बच्चे को जन्म दें तो इसके लिए आपको प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपने वजन को संतुलित रखना चाहिए।

पॉजिटिव रहें

प्रेगनेंसी के दौरान स्वस्थ रहने के लिए सबसे जरुरी होता है की आप नकारात्मक विचारों से दूर रहें। जितना आप नकारात्मक विचारों से दूर रहती है। और सकारात्मक रहती है उतना ही ज्यादा प्रेगनेंसी व् डिलीवरी को लेकर कम्प्लीकेशन कम होती है।

उठने बैठने की पोजीशन का ध्यान रखें

गर्भावस्था के दौरान महिला को अपने उठने बैठने की पोजीशन का भी ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि आपके उठने, बैठने, लेटने की स्थिति सीधा आपके गर्भ पर असर डालती है। यदि आप इन छोटी छोटी बातों का ध्यान रखती हैं तो ऐसा करने से आपको प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली कॉम्प्लीकेशन्स से बचे रहने में मदद मिलती है जिससे सामान्य प्रसव के चांस बढ़ते हैं।

सही डॉक्टर का चुनाव

प्रेगनेंसी की शुरुआत से लेकर डिलीवरी तक के लिए आपको एक ऐसे डॉक्टर का चुनाव करना चाहिए जो की प्रेगनेंसी केस के लिए सबसे अच्छा हो। साथ ही प्रेगनेंसी के दौरान आपको अपनी सभी दवाइयां समय से लेनी चाहिए। साथ ही टीकाकरण भी समय से करवाना चाहिए। ताकि प्रेगनेंसी के दौरान आपको किसी भी तरह की दिक्कत न हो और आपके नेचुरल बर्थ के चांस को बढ़ाने में मदद मिल सके।

तो यह हैं वो दस टिप्स जिनका ध्यान रखने से महिला की नोर्मल डिलीवरी होने के चांस बढ़ जाते हैं। साथ ही माँ व् बच्चे को स्वस्थ रहने में मदद मिलती है। इसके अलावा नोर्मल डिलीवरी के बाद महिला को जल्दी फिट होने में मदद मिलती है।

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